Getting My bhairav kavach To Work
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महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं में सर्वतो गिरा
भविष्य में आने वाली बुरी दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।
ॐ श्मशानस्थो महारुद्रो महाकालो दिगम्बरः ।
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ॐ ह्रीं अन्नपूर्णा सदा पातु चांसौ रक्षतु चण्डिका ।
ಪಾತು ಸಾಕಲಕೋ ಭ್ರಾತೄನ್ ಶ್ರಿಯಂ ಮೇ ಸತತಂ ಗಿರಃ
सर्वदा पातु ह्रीं बीजं बाह्वोर्युगलमेव च ॥
वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि here कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।
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नमः पातु महामन्त्रः सर्वशास्त्रार्थपारगः ॥ ११॥
ಸಂಪ್ರಾಪ್ನೋತಿ ಪ್ರಭಾವಂ ವೈ ಕವಚಸ್ಯಾಸ್ಯ ವರ್ಣಿತಮ್